कविता: मेरा भारत

मेरा सुनहरा देश है भारत
मेरे कण कण में बसा है भारत
जहाँ खूब लड़ी मर्दानी झाँसी रानी ने
जहाँ अणुशास्र सिखाया होमी भाभा विज्ञानी ने
जहाँ शुन्य की आर्यभट्ट से हुई रचना
अंग्रेजों के खिलाफ हुई आलोचना
जहाँ वीरों ने जन्म ले लिया
और इस धरती हेतु बलिदान दे दिया
सलाम है मेरा भारत माँ को
जिसके बिना यह देश न हो

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